भोपाल, मध्य प्रदेश। छह साल पहले एक सेवानिवृत्त एयरफोर्स अधिकारी की अगुवाई में शुरू हुआ हीलिंग होम ट्रस्ट आज महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक मिसाल बन चुका है। ट्रस्ट की ट्रस्टी शिवानी श्रीवास्तव बताती हैं कि शुरुआत वॉर विडोज़ के पुनर्वास से हुई थी, लेकिन समय के साथ इसमें उन महिलाओं को भी जोड़ा गया जो सामाजिक या पारिवारिक सीमाओं के कारण घर से बाहर काम नहीं कर सकतीं। ट्रस्ट का उद्देश्य है कि महिलाएं घर बैठे भी सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, अचार-पापड़ निर्माण, बेकिंग या डिजिटल लिटरेसी जैसे हुनर सीखकर अपना खुद का रोजगार शुरू कर सकें।
कोविड-19 महामारी के दौरान जब रोज़गार की कमी ने कई परिवारों को संकट में डाल दिया, तब हीलिंग होम ट्रस्ट ने अपनी गतिविधियों को और सक्रिय किया। खासतौर पर उन महिलाओं के लिए, जिनके घरों में पुरुष सदस्य बेरोज़गार हो गए थे—ट्रस्ट ने उन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। आज ट्रस्ट के पास भोपाल स्थित केंद्र के अलावा दिल्ली, लुधियाना और चंडीगढ़ जैसे शहरों में भी सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ियों के ज़रिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने का अनुभव है।
9 मार्च को ट्रस्ट द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में वीर नारियों को सिलाई मशीनें भेंट की गईं। इस अवसर पर भोपाल की महापौर मालती राय मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थीं। ट्रस्ट अब डिजिटल लिटरेसी, क्लाउड किचन, सप्लाई चेन और महिलाओं की सुरक्षा हेतु सेल्फ डिफेंस प्रशिक्षण जैसे प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर रहा है, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ जागरूक और सुरक्षित भी बन सकें। शिवानी श्रीवास्तव का मानना है कि अगर हर मोहल्ले से कुछ लोग सामने आएं और सरकार के साथ मिलकर कदम बढ़ाएं, तो समाज में असली बदलाव लाना संभव है।





