नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में आयोजित नियमित प्रेस वार्ता में रूस के डेप्युटी चीफ़ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने मीडिया का हिंदी में अभिवादन करके वहां मौजूद सभी लोगों को चौंका दिया। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “शुरुआत करते हैं… श्री गणेश करते हैं!” प्रेस वार्ता में बाबुश्किन ने कई मुद्दों पर बात की। जब उनसे भारत के “आयरन डोम” जैसी सुरक्षा प्रणाली की महत्वाकांक्षा पर सवाल किया गया, तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “आपका मतलब सुदर्शन चक्र से है? अगली बार मुझसे हिंदी में पूछिए, मैं और अच्छा जवाब दूंगा।
भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका की 25% अतिरिक्त सजा संबंधी नीति पर बाबुश्किन ने कहा, “रूस सबसे बड़ा तेल उत्पादक है और भारत सबसे बड़ा उपभोक्ता। किसी भी प्रकार की एकतरफा कार्रवाई सप्लाई चेन में बाधा डालती है, कीमतों को असंतुलित करती है और वैश्विक बाजार को अस्थिर करती है। यह विकासशील देशों की ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डालती है।
उन्होंने अमेरिका और पश्चिमी देशों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “वे नए उपनिवेशवादी शक्तियों की तरह बर्ताव करते हैं, जो केवल अपने फायदे की सोचते हैं। यह दबाव अन्यायपूर्ण और एकतरफा है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय आयात पर 25% टैरिफ लगाने के साथ ही रूस से तेल खरीदने पर भी 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है। हालांकि वाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने मंगलवार को कहा कि यह दबाव रूस को यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत की मेज पर लाने के लिए बनाया गया है।
ट्रंप ने हाल ही में अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी, जिसके बाद वॉशिंगटन में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय संघ नेताओं के साथ उच्चस्तरीय बैठक हुई। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसका रुख राष्ट्रीय हित पर आधारित है। भारत ने दोहराया कि यूरोपीय संघ और अमेरिका खुद भी रूस के साथ अपने चयनित क्षेत्रों में व्यापार कर रहे हैं। भारत अपनी अर्थव्यवस्था और जनता के हित में ही फैसले लेगा। हाल ही में यूरोपीय संघ ने भारत की नायरा एनर्जी पर प्रतिबंध लगाया था, जिसके बाद कंपनी को कच्चे तेल की प्रोसेसिंग घटानी पड़ी और विदेशी कंपनियां उससे दूरी बनाने लगीं।





