पिछले कुछ समय से अव्यवस्थित जीवन शैली के कारण लोगों में मांसपेशियों-जोड़ों में दर्द की समस्या काफी तेजी से बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि मौजूदा समय में कम उम्र के लोग भी कई तरह के दर्द की समस्याओं से परेशान देखे जा सकते हैं। कमर, पीठ और घुटने में होने वाले दर्द के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हाल के वर्षों में भौतिक चिकित्सा (Physiotherapy) की मांग तेजी से बढ़ी है। यह एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है जो व्यक्ति के स्वास्थ्य और कल्याण को भौतिक चिकित्सा के माध्यम से सुधारने में मदद करता है। फिजियोथेरेपी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे कि सर्जरी के बाद की पुनर्वास, अस्थायी दर्द का प्रबंधन, खेल की चोटों का पुनर्वास, डिमेंशिया और पार्किंसन की बीमारी का इलाज, प्री और पोस्ट-नेटल देखभाल, श्वसन समस्याएं, हृदय पुनर्वास, बुढ़ापे में गतिविधि, संतुलन, लकवा, पोस्चरल एब्नार्मेलिटी और सामान्य क्षमता में सुधार के लिए फिजियोथेरेपी एक बेहतर माध्यम है। यह कहना है मध्यप्रदेश के मुरैना जिला अस्पताल के सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ विकास सविता का।
डॉ विकास ने बताया फिजिओथेरेपी का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह समाज में स्वास्थ्य, संतुलन, और सकारात्मकता को बढ़ावा देता है। इससे लोगों के जीवन और काम की गुणवत्ता में सुधार होता है और उनका सामाजिक और पेशेवर जीवन भी अधिक सहज हो जाता है। फिजियोथेरेपी से समस्याओं का समाधान मिलता है, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन होता है।
वहीं उनका कहना है कि समाज में स्वस्थ, सक्रिय, और प्रोत्साहित लोग होने से समाज की प्रगति में मदद मिलती है। इसलिए फिजिओथेरेपी का महत्व समाज के स्वास्थ्य और कल्याण में है। काम के स्थान पर फिजिओथेरेपी का महत्व बहुत अधिक है। यह विभिन्न कार्य संबंधित चोटों और चिकित्सकीय समस्याओं का समाधान प्रदान करता है और कर्मचारियों को स्वस्थ रहने में मदद करता है।
कई कंपनियों और उद्योगों में फिजिओथेरेपी के सेवाएं प्रदान की जाती है ताकि कर्मचारी सक्रिय रह सकें, दर्द से राहत पा सकें और चोटों से बच सकें। फिजिओथेरेपी के माध्यम से काम करने वाले लोगों की शारीरिक समस्याएं भी दूर होती हैं और उनकी कार्य क्षमता में सुधार होता है।
डॉ विकास ने यह भी कहा कि फिजियोथेरेपी के माध्यम से कर्मचारी को ठंडे-गरम पैक, मैन्युअल थेरेपी, व्यायाम, और इलेक्ट्रोथेरेपी अन्य चिकित्सा प्रक्रियाएं प्राप्त होती हैं, जो उनके शारीरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करती हैं। इसके अलावा, फिजियोथेरेपी से कर्मचारी के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है, जिससे उनका मनोबल बना रहता है।