नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डीपफेक वीडियो ने इंटरनेट पर वायरल होने के बाद देश में नए विवाद को जन्म दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद भी डीपफेक के खतरे पर अपनी चिंता जता चुके हैं। उसके बाद अब सरकार भी डीपफेक मामले में गंभीर हो गई है।
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों को बुलाकर जल्द ही बैठक कर डीपफेक मामले पर चर्चा करेगी। प्लेटफार्मों ने डीफफेक पर कोई जरूरी हल नहीं निकाला तो उन्हें आइटी अधिनियम के सेफ हार्बर क्लाज के तहत संरक्षण नहीं मिल पाएगा। सरकार ने सभी बड़े इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को नोटिस जारी कर दिया है। जिसमें साफ कहा गया है कि डीपफेक की पहचान कर कंटेट हटाएं।
मामले पर सरकार ने हाल ही में कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। प्लेटफार्मों की तरफ से उसके जवाब भी आए हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियों को डीपफेक से जुड़े कंटेट को तुरंत ही अपने प्लेटफॉर्मों से हटाना होगा। इसके लिए उन्हें अधिक आक्रामक होना होगा। कंपनियों ने नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि कदम उठाए जा रहे हैं। इस पर अश्विनी वैष्णव का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं है और उठाने की जरूरत है।





