इंदौर। साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को लगेगा। इससे पहले 8 अप्रैल को एक सूर्य ग्रहण हुआ था, जो अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको, अटलांटिक, इंग्लैंड के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र, और आयरलैंड में देखा गया था, लेकिन भारत में नहीं। 2 अक्टूबर का सूर्य ग्रहण एक वलयाकार ग्रहण होगा, जिसमें “रिंग ऑफ फायर” का दृश्य सात मिनट 25 सेकंड तक दिखाई देगा।
यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को उत्तरी प्रशांत महासागर में हवाई के दक्षिण से शुरू होगा और दक्षिणी अटलांटिक महासागर के दक्षिण जॉर्जिया में समाप्त होगा। ग्रहण की यह यात्रा कुल 14,163 किलोमीटर की होगी।
“रिंग ऑफ फायर” का दृश्य दक्षिण अमेरिका के चिली और अर्जेंटीना के दक्षिणी क्षेत्रों में दिखाई देगा। स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, इस घटना का सबसे अच्छा नजारा रापा नुई नाम के दूरस्थ ज्वालामुखी द्वीप से देखा जा सकेगा।
अप्रैल में हुआ पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया था, और यह दूसरा ग्रहण भी नहीं दिखाई देगा, क्योंकि ग्रहण के शुरू होने के समय भारत में रात होगी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा इस ग्रहण को अपने यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीम करेगी। “सूतक काल” उस समय को कहा जाता है जब सूर्य ग्रहण लगता है, जो शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले शुरू होता है। चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा।