db News Network

Home » गौकृति काऊ डंग प्रोडक्ट्स की फाउंडर लेखिता सिंघल : एक एंटरप्रेन्योर की प्रेरणादायक कहानी

गौकृति काऊ डंग प्रोडक्ट्स की फाउंडर लेखिता सिंघल : एक एंटरप्रेन्योर की प्रेरणादायक कहानी

0 comment 387 views 6 minutes read

लेखिता सिंघल, फाउंडर, गौकृति,, ग्वालियर, एमपी

ग्वालियर। एंटरप्रेन्योर और गौकृति काऊ डंग प्रोडक्ट्स की फाउंडर लेखिता सिंघल ने सामाजिक उत्थान और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए पहचान बनाई है। अपने अभिनव दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प के साथ, उन्होंने कई महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान किया है।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर की गौकृति काऊ डंग प्रोडक्ट्स की फाउंडर लेखिता सिंघल ने बताया कि उन्हें इस क्षेत्र में काम करते हुए 10 साल हो चुके हैं। उन्होंने एमबीए करने के बाद समाज के लिए कुछ करने की प्रेरणा अपने घर से ली, खासकर अपने पिता से। 2008 के आसपास ग्वालियर में जब लायंस क्लब शुरू हुआ, तो उनकी मां ने इसे ज्वाइन किया। उस समय लेखिता को इस क्लब के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन जब उन्होंने अपनी मां को क्लब में सक्रिय रूप से काम करते देखा, तो उन्होंने भी लायंस क्लब ज्वाइन करने का निर्णय लिया।

क्लब में शामिल होने के बाद, उन्होंने कई सेवा गतिविधियों जैसे मेडिकल कैंप, ब्लड डोनेशन और वृक्षारोपण में भाग लिया। इसके बाद उन्होंने क्लब में सेक्रेटरी का पद संभाला और लगभग दो-तीन साल तक सेक्रेटरी रहीं। इस दौरान उन्हें बहुत से लोगों से मिलने और नई चीजें सीखने का मौका मिला। बाद में, वह दो साल तक क्लब की वाइस प्रेसिडेंट भी रहीं और रोटरी क्लब की एक युवा शाखा, रोटरेक्ट, भी ज्वाइन की, जहाँ वह DRR (डिस्ट्रिक्ट रोटरेक्ट रिप्रेजेंटेटिव) बनीं और ग्वालियर और राजस्थान के कई कार्यक्रमों में भाग लिया।

कई सालों तक क्लबों में सक्रिय रहने के बाद, लेखिता ने इनसे दूरी बना ली और “वन बंधु” नामक एक संस्था के साथ जुड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में काम करना शुरू किया। उन्होंने ग्वालियर के आसपास के ग्रामीण इलाकों जैसे डबरा, दतिया, भिंड, मुरैना, भितरवार, और शिवपुरी में जाकर देखा कि वहाँ अभी भी बुनियादी सुविधाओं की कमी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में काम करते हुए, लेखिता ने देखा कि कई महिलाएं अपने जीवन में कुछ करना चाहती हैं, लेकिन अवसरों की कमी है। उन्होंने गाय के गोबर का उपयोग करके धूपबत्ती और पूजा सामग्री जैसे उत्पाद बनवाने का काम शुरू किया, जिससे महिलाओं को रोजगार मिला। इस पहल से न केवल महिलाओं को आर्थिक सहायता मिली, बल्कि गोबर से उत्पाद बनाने का काम भी हुआ।

उन्होंने बताया कि आज़ादी के 80 साल बाद भी ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है, लेकिन उनकी इस पहल से कई महिलाओं को रोजगार मिला है और वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे पा रही हैं। ग्वालियर और मुरैना के ग्रामीण इलाकों में उन्होंने लगभग 20 महिलाओं को रोजगार दिया है और भविष्य में और महिलाओं को जोड़ने की योजना है। उनका यह उत्पाद ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

लेखिता सिंघल को तत्कालीन ग्वालियर कलेक्टर पी. नरहरि द्वारा “बेस्ट एंटरप्रेन्योर” का अवार्ड प्रदान किया गया है। इसके अलावा, उन्हें बिग मैजिक टीवी के “बिग मेमसाहब” सीजन 5 में जज के तौर पर भी आमंत्रित किया गया था, जहां उन्होंने अपने अनुभव और विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया।

लेखिता ने अंत में कहा कि आज के समय में जरूरी है कि हम किसी की सहायता कर सकें। अगर यह काम अपने घर से भी शुरू करते हैं और फिर समाज में पहुंचते हैं तो भी बहुत बेहतर होगा।

अपने आसपास में किसी भी स्तर पर सामाजिक क्षेत्र में काम करने की शुरुआत करें और इस शुरुआत को हमें अपने घर से ही करना होगा जब हम किसी चीज को गलत देखते हैं तो हमें उसको सही करने की दिशा में भी कदम उठाना चाहिए।

  • मैंने 10 साल पहले अपने सामाजिक कार्यों की शुरुआत की थी।
  • मेरी शिक्षा एमबीए है, और मैं एक एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट भी हूँ। शुरू से ही मैं अपना खुद का कुछ शुरू करना चाहती थी।
  • मुझे ग्रामीण महिलाओं के लिए कुछ करना था, इसलिए मैंने खुद को सामाजिक रूप से सक्रिय किया। मैं लायंस क्लब और रोटरी क्लब से जुड़ी और रोटरेक्ट यूथ क्लब की DRR भी रही। मुझे राजस्थान और ग्वालियर के युवाओं से जुड़ने का मौका मिला।
  • अपना दायरा बढ़ाने के लिए मैंने ब्लड डोनेशन कैंप, डायबिटीज कैंप, सोशल इवेंट्स और प्रतियोगिताएं आयोजित कीं।
  • उसके बाद, मुझे वनबंदू परिषद से जुड़ने का मौका मिला, जहां से मुझे 200 गांवों से जुड़ने का अवसर मिला।
  • वहीं पर मैंने महिलाओं और उनके घरों में पल रही गायों की स्थिति को देखा।
  • चार साल पहले, मैंने “गौकृति” के नाम से देसी गाय के गोबर से फैंसी वस्त्र बनाना शुरू किया और गांव की महिलाओं को घर बैठे काम करने का अवसर प्रदान किया। हमारे साथ ग्वालियर की 20 महिलाएं और डाबरा, मुरैना के 10 परिवार जुड़े हुए हैं। हम धीरे-धीरे अपने कार्य का विस्तार करेंगे।
  • अभी मैंने अग्र सेवा संस्थान ग्वालियर की महिला इकाई में 250 महिलाओं को जोड़ा है, जिन्हें हम आगे बढ़ने का भी मौका देंगे।

Leave a Comment

चंचल गोयल, अभिभावक, ग्वालियर, एमपी

मैंने अपने 15 साल के शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव के आधार पर देखा है कि प्राइमरी टीचर्स की बॉन्डिंग बच्चों के साथ बहुत अच्छी होती है।  यह उम्र के बच्चे अपने टीचर्स को फॉलो करते हैं और पेरेंट्स से भी लड़ जाते हैं। इसलिए, स्कूल और टीचर्स पर बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को खुश रखें।

अगर बच्चा अच्छा परफॉर्म करने लगे, तो पेरेंट्स उसे अपना हक मान लेते हैं। पेरेंट्स को विश्वास करना चाहिए कि जिस स्कूल में उन्होंने दाखिला कराया है, वह बच्चों के लिए सही है। लेकिन अपने बच्चों का रिजल्ट किसी और के बच्चे से कंपेयर नहीं करना चाहिए। आजकल के पेरेंट्स समझदार हैं और जानते हैं कि बच्चों को कैसी शिक्षा देनी है। किसी भी समस्या के लिए वे सीधे टीचर से बात कर सकते हैं, जिससे समस्या का समाधान जल्दी हो सके।

प्रियंका जैसवानी चौहान, हेड मिस्ट्रेस, बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल, ग्वालियर, एमपी

जुलाई का सत्र बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह सबसे बड़ा वेकेशन होता है।  पेरेंट्स को बच्चों की लास्ट सेशन की पढ़ाई का रिवीजन कराना चाहिए ताकि वे आउट ऑफ रेंज न हो जाएं। शुरुआती अध्याय बच्चों की रुचि को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होते हैं।

आगे वे कहते हैं कि प्रेशर का नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों प्रभाव होते हैं। आज की युवा पीढ़ी में 99% लोग बिजनेस और स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं। पढ़ाई को लेकर बच्चों पर दबाव डालना गलत है, लेकिन भविष्य के लिए यह लाभदायक हो सकता है। बच्चों को गैजेट्स का सही उपयोग आना चाहिए, लेकिन उन पर पूर्णतः निर्भर होना गलत है।

तुषार गोयल, एचओडी इंग्लिश, बोस्टन पब्लिक स्कूल, आगरा, यूपी

वेकेशंस के दौरान बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह नहीं हटानी चाहिए। स्कूल द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट्स को धीरे-धीरे  करने से पढ़ाई का दबाव नहीं बनता। जब पढ़ाई फिर से शुरू होती है, तो बच्चों को अधिक दबाव महसूस नहीं होता। आजकल स्कूल बहुत मॉडर्नाइज हो गए हैं जिससे बच्चों को हेल्दी एटमॉस्फियर और खेल-खेल में सीखने को मिलता है।

एडमिनिस्ट्रेशन को बुक्स का टाइम टेबल सही तरीके से बनाना चाहिए ताकि बच्चों पर वजन कम पड़े। स्कूल में योग और एक्सरसाइज जैसी गतिविधियाँ भी शुरू होनी चाहिए ताकि बच्चे फिट रहें और उन्हें बैक प्रेशर न हो। टीचर और पेरेंट्स के बीच का कम्यूनिटेशन गैप काम होना चाहिए। बच्चों का एडमिशन ऐसे स्कूल में करें जिसका रिजल्ट अच्छा हो, भले ही उसका नाम बड़ा न हो।

डॉ. नेहा घोडके, अभिभावक, ग्वालियर, एम

बच्चों को पढ़ाई की शुरुआत खेलते-कूदते करनी चाहिए ताकि उन्हें बोझ महसूस न हो। पेरेंट्स की अपेक्षाएं आजकल बहुत बढ़ गई हैं,  लेकिन हर बच्चा समान नहीं होता। बच्चों को अत्यधिक दबाव में न डालें, ताकि वे कोई गलत कदम न उठाएं। वे आगे कहती हैं कि आजकल बच्चे दिनभर फोन का उपयोग करते रहते हैं, और पेरेंट्स उन्हें फोन देकर उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं। पेरेंट्स को बच्चों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें कम से कम समय के लिए फोन देना चाहिए।

दीपा रामकर, टीचर, माउंट वर्ड स्कूल, ग्वालियर, एमपी

हमारे स्कूल में पारदर्शिता पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल के समय में पेरेंट्स अपने काम में व्यस्त रहते हैं और बच्चों की पढ़ाई पर समय कम दे पाते हैं। स्कूल द्वारा टेक्नोलॉजी की मदद से बच्चों का होमवर्क पेरेंट्स तक पहुँचाया जाता है ताकि वे बच्चों पर ध्यान दे सकें।

पेरेंट्स को बच्चों को गैजेट्स देते वक्त ध्यान रखना चाहिए की वह उसका कितना इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें मोबाइल का कम से कम उपयोग करने देना चाहिए। अगर आप अपने बच्चों के सामने बुक रीड करेंगे तो बच्चा भी बुक रीड करने के लिए प्रेरित होगा।

दीक्षा अग्रवाल, टीचर, श्री राम सेंटेनियल स्कूल, आगरा, यूपी

वर्तमान समय में बच्चों को पढ़ाने की तकनीक में बदलाव आया है, आजकल थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल बेस्ड लर्निंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल पेरेंट्स भी पहले से बेहद अवेयर हैं, क्योंकि अब बच्चों के करियर पॉइंट ऑफ व्यू से कई विकल्प हमारे सामने होते हैं जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों के साथ प्रॉपर कम्युनिकेट करें।

अंकिता राणा, टीजीटी कोऑर्डिनेटर, बलूनी पब्लिक स्कूल, दयालबाग, आगरा, यूपी

वर्तमान समय में बच्चों को पढ़ाने की तकनीक में बदलाव आया है, आजकल थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल बेस्ड लर्निंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल पेरेंट्स भी पहले से बेहद अवेयर हैं, क्योंकि अब बच्चों के करियर पॉइंट ऑफ व्यू से कई विकल्प हमारे सामने होते हैं जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों के साथ प्रॉपर कम्युनिकेट करें।

हमारी वेबसाइट एक सार्वजनिक प्रकार की जानकारी प्रदान करने का प्रयास करती है और हम आपको विभिन्न विषयों पर लेख और समाचार प्रस्तुत करते हैं। मेरा उद्देश्य आपको विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में घटित घटनाओं से अवगत करना है और आपको सबसे नवाचारी और महत्वपूर्ण खबरों के साथ जोड़ने का मौका प्रदान करना है।

 

मैं अपने लेखों को विभिन्न श्रेणियों में प्रकाशित करता हूं, जैसे कि राजनीति, व्यापार, विज्ञान, खेल, मनोरंजन, लाइफस्टाइल, एजुकेशन, धर्म और विदेश। हमारा उद्देश्य यह है कि हम हमेशा आपको ताजा और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करें, ताकि आप सबसे अद्वितीय और महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी प्राप्त कर सकें।

 

हमें गर्व है कि हम एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में जाने जाते हैं और हम आपके साथ हमेशा रहेंगे, आपको समाचार और जानकारी के साथ। हमारे साथ जुड़कर आप दुनियाभर की घटनाओं के साथ रहेंगे और जानकारी

©2023 DB News Networks – All Right Reserved. Designed and Developed by Web Mytech