नई दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को मुडा साइट आवंटन मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लोकायुक्त को लिखी चिट्ठी को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने बताया कि यह चिट्ठी अदालत को प्रभावित करने के इरादे से की गई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईडी के पास इस मामले की जांच करने की कोई शक्ति नहीं है।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा, “यह राजनीति से प्ररित है। कल एकल पीठ के आदेश के खिलाफ हमारी रिट याचिका आ रही है। अगर उन्होंने (ईडी) लोकायुक्त को चिट्ठी लिखी है तो इसका क्या मतलब है? सबसे पहले तो ईडी के पास जांच करने की कोई शक्ति नहीं है। उन्होंने केवल कोर्ट को प्रभावित करने के लिए ऐसा किया।”
पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धारमैया ने कहा, “लोकायुक्त इस मामले की जांच कर रहे हैं और उन्हें एक रिपोर्ट जमा करनी होगी। उन्हें प्रभावित करने और भटकाने के लिए ऐसा किया गया। यह राजनीतिक रूप से प्ररित है।” ईडी के अनुसार, उन्हें मुडा द्वारा सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को 14 साइटों के हस्तांतरण में कई अनियमितताओं के सबूत मिले। उन्होंने बताया कि कुल 1095 साइटें जिनका बाजार मूल्य 700 करोड़ रुपये से अधिक था, उसे अवैध रूप से पार्वती को आवंटित की गई थी।
ईडी के पास जांच करने की कोई शक्ति नहीं है, इस पर जोर डालते हुए सीएम सिद्धारमैया ने कहा, “राज्यपाल ने जांच के आदेश दिए। जिला न्यायालय ने लोकायुक्त को जांच के आदेश दिए और 24 दिसंबर तक रिपोर्ट देने को कहा। वे जांच कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने ईडी को चिट्ठी क्यों लिखी? उनका क्या उद्देश्य है? उन्होंने आगे कहा, इस मामले में कोई सच्चाई नहीं है। वे मामले की जांच कर रहे हैं, उन्हें स्वतंत्र रूप से रिपोर्ट देने दीजिए। उन्होंने लोकायुक्त को पत्र क्यों लिखा? वे जानकारी साझा कर सकते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि उन्हें पत्र लिखना चाहिए। इसे मीडिया में जारी करना चाहिए।
साल 2020 में मुडा योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत लोगों से मैसूर के विकास के नाम पर उनकी जमीन ली गई थी, जिसके तहत 50:50 का फॉर्मूला था, जिसके चलते लोगों की जितनी जमीन ली गई उसकी 50 फीसदी जमीन या वैकल्पिक साइट उन्हें मुआवजे के तौर पर दी जानी थी। हालांकि, साल 2023 में शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश ने शिकायतों के आने के बाद इस योजना को रद्द कर दिया था। हालांकि, आरोप लगे हैं कि इस योजना के निरस्त होने के बाद भी इसके तहत साइटों का आवंटन जारी रहा।