नई दिल्ली।अखिलेश यादव ने हाल ही में ईवीएम और चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए लोकसभा में कहा था कि अगर समाजवादी पार्टी यूपी की सभी 80 सीटें भी क्यों न जीत ले, फिर भी ईवीएम पर भरोसा नहीं करेंगे। हालांकि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सफलता हासिल करने वाले उनके विधायक ने अलग रुख अपनाया है। सपा विधायक रईस शेख ने कहा कि चुनाव आयोग पूरी तरह से निष्पक्ष है। उन्होंने ईवीएम में किसी तरह की गड़बड़ी को सिरे से खारिज कर दिया। शेख ने कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र भिवंडी पूर्व में चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हुए।
रईस शेख ने 52,015 मतों के अंतर से जीत दर्ज की जो इस साल महाराष्ट्र विधानसभा में चुने गए 10 मुस्लिम विधायकों में सबसे बड़ी जीत है। भिवंडी पूर्व में 51% मुस्लिम मतदाता हैं और शेख ने कुल 62% मत हासिल किए। अपने विजय भाषण में शेख ने कहा, “लोगों ने साबित कर दिया है कि काम बोलता है। हमने सभी समुदायों के लिए काम किया है। यही कारण है कि हमें भारी जनादेश मिला। लगभग 97% मुस्लिम और 9.8% गैर-मुस्लिम मतदाताओं ने मुझे समर्थन दिया। यहां ध्रुवीकरण काम नहीं आया।
उन्होंने चुनाव में निष्पक्षता की सराहना करते हुए कहा, “भिवंडी पूर्व में चुनाव निष्पक्ष थे। मैं पुलिस प्रशासन और चुनाव आयोग का आभारी हूं, जिन्होंने बिना किसी दबाव के निष्पक्षता से काम किया।
अखिलेश यादव का ईवीएम पर सख्त रुख
हालांकि हाल ही में सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ईवीएम पर अपना अविश्वास दोहराया। उन्होंने संसद में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कहा था कि भले ही उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीत ले फिर भी वह ईवीएम पर भरोसा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने कल भी ईवीएम पर भरोसा नहीं किया। आज भी नहीं करता। अगर हम यूपी की 80 सीटें भी जीत लें तब भी मैं ईवीएम पर भरोसा नहीं करूंगा। यह मुद्दा तब तक हल नहीं होगा, जब तक ईवीएम का उपयोग बंद नहीं हो जाता।
ईवीएम पर विपक्ष की चिंताएं और अदालत का फैसला
ईवीएम की सुरक्षा और इसकी संभावित हैकिंग को लेकर विपक्ष ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान सवाल उठाए। विपक्ष ने बैलट पेपर से प्रत्येक वोट के क्रॉस-चेक की मांग की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान इन याचिकाओं को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि ईवीएम का उपयोग सुरक्षित और विश्वसनीय है।
रईस शेख की जीत और अखिलेश यादव का रुख यह दर्शाता है कि सपा के भीतर भी ईवीएम को लेकर राय अलग-अलग हैं। शेख ने जहां विकास और सर्वसमाज को साथ लेकर चलने की बात की वहीं अखिलेश यादव ने ईवीएम को लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए खतरा बताते हुए इसे हटाने की प्रतिबद्धता दोहराई।