भोपाल के युवा फैशन उद्यमी रोचित गर्ग ने भारत की सांस्कृतिक विरासत को समर्पित एक अनोखी पहल की है। अपने स्टार्टअप ‘मांगलिक’ के माध्यम से वे पुरुषों के पारंपरिक वस्त्रों — जैसे शेरवानी, कुर्ता-पायजामा और जोधपुरी सूट — को एक आधुनिक टच के साथ पेश कर रहे हैं। उनका मानना है कि आज की युवा पीढ़ी एक बार फिर अपनी जड़ों की ओर लौट रही है, और इसी सोच के साथ उन्होंने मेंस एथनिक वियर को नए ट्रेंड के रूप में प्रस्तुत किया है।
रोचित का यह सफर पारंपरिक पारिवारिक व्यवसाय से शुरू होकर आधुनिक एंटरप्रेन्योरशिप की मिसाल बन गया है। उन्होंने देखा कि समय के साथ वेस्टर्न वियर का प्रभाव बढ़ता गया था, लेकिन इंडियन एथनिक वियर को नए डिज़ाइन और मॉडर्न अप्रोच के साथ पेश किया जाए तो यह फिर से लोगों की पसंद बन सकता है। उन्होंने रॉ सिल्क, बिस्कुट यार्न और भोपाल की प्रसिद्ध दरदोज़ी कढ़ाई जैसी प्राचीन तकनीकों को शामिल करते हुए, परंपरा और नवाचार का अनूठा संगम तैयार किया है।
मांगलिक न केवल फैशन को पुनर्परिभाषित कर रहा है, बल्कि स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्प को भी नया जीवन दे रहा है। रोचित की टीम भोपाल के पारंपरिक कारीगरों को रोजगार और मंच दोनों दे रही है, जिससे भारत की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का एक सकारात्मक प्रयास हो रहा है। आने वाले वर्षों में, रोचित गर्ग का सपना है कि मांगलिक को ग्लोबल मंच पर ले जाया जाए और भारतीय एथनिक वियर को दुनिया के फैशन मानचित्र पर गौरव के साथ स्थापित किया जाए।





