नई दिल्ली। कांग्रेस पर हमला तेज करते हुए भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस नेताओं पर भारत को अस्थिर करने की मंशा रखने वाली विदेशी ताकतों संग सांठगांठ करने का आरोप लगाया। साथ ही, सोनिया गांधी से जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन की ओर से वित्तपोषित संगठन की गतिविधियों में सहअध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका का खुलासा करने के लिए कहा।
भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सुनियोजित तरीके से भारत विरोधी प्रयोग चल रहा है। उन्होंने कहा, कांग्रेस का हाथ विदेशी ताकतों के साथ है। यह अब स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। कांग्रेस देश की हालत बदतर बनाना चाहती है। इससे एक दिन पूर्व भाजपा ने आरोप लगाया था कि सोनिया का संबंध सोरोस फाउंडेशन की वित्तपोषित संगठन फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स-एशिया पैसिफिक फाउंडेशन से है, जिसने कश्मीर के एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में विचार का समर्थन किया है। त्रिवेदी ने दावा किया कि सोनिया गांधी एफडीएल-एपी फाउंडेशन की सह अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा, यह वही जॉर्ज सोरोस हैं जिन्होंने खुले तौर पर वादा किया था कि उन्होंने मोदी सरकार को अस्थिर करने के लिए एक अरब डॉलर का निवेश किया है। त्रिवेदी ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि वह अन्य सदस्य इस मुद्दे को उच्च सदन में उठाना चाहते थे, पर विपक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी।
भारत विरोधी सुनियोजित प्रयोग
त्रिवेदी ने कहा कि किसानों पर एक रिपोर्ट संसद सत्र के दौरान 3 फरवरी, 2021 को आई। पेगासस की रिपोर्ट 18 जुलाई, 2021 को मानसून सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले आई थी। हिंडनबर्ग रिपोर्ट बजट सत्र से पूर्व 24 जनवरी, 2023 को आई थी। कुछ अन्य मामलों का जिक्र कर उन्होंने कहा कि संसद सत्र के दौरान या सत्र शुरू होने से पहले ऐसी खबरें या घटनाओं का आना जिनसे संसद की कार्यवाही बाधित हो महज संयोग नहीं है, बल्कि सुनियोजित भारत-विरोधी प्रयोग है।
कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि कारोबारी गौतम अदाणी के लिए मोदी सरकार ने भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी दांव पर लगा दिया है। पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख खेड़ा ने दावा किया कि भाजपा से जुड़े कई मंत्रियों के बच्चों को सोरोस की संस्था से अनुदान मिला है। उन्होंने कहा कि असली मुद्दा यह है कि राजा की जान तोते में हैं और यह तोता अदाणी हैं। खेड़ा ने वीडियो जारी कर कहा, जबसे संसद चल रही है तब से दिखाई दे रहा कि सरकार एक व्यक्ति को बचाने के लिए देश के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी दांव पर लगाने को तैयार है। यह षड्यंत्र आज से नहीं, 2002 से शुरू हुआ है। खेड़ा के अनुसार, सत्तापक्ष ने अमेरिकी विदेश विभाग पर आरोप लगाया जिसके बाद विदेश विभाग ने कहा कि इससे भारत-अमेरिका संबंधों पर असर पड़ सकता है।