नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक यूट्यूब वीडियो में दिए गए बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। जहां उन्होंने एक पॉडकास्ट कहा कि महात्मा गांधी को यू.के. (इंग्लैंड) में ट्रेन से फेंका गया था, जिसके बाद उनके परदादा और उनके चचेरे भाइयों ने बदला लिया। राहुल गांधी के इस बयान पर लगातार रूप से प्रतिक्रिया सामने आ रही है। इसी बीच भाजपा सांसद लहर सिंह सिरोया ने इस बयान को लेकर राहुल गांधी पर तीखा कटाक्ष किया है। साथ ही कहा कि कोई भी व्यक्ति राहुल गांधी से इतिहास ना सिखा।
बता दें कि राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर डाले एक वीडियो में महात्मा गांधी और पंडित नेहरू की भूमिका का जिक्र करते हुए अपने राजनीतिक सफर को जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि गांधी जी के साथ जो हुआ, वह उनके परिवार के लिए प्रेरणा बना। लेकिन भाजपा सांसद लहर सिंह सिरोया ने सोशल मीडिया प्लटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि महात्मा गांधी को इंग्लैंड में नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन से फेंका गया था। उन्होंने कहा कि यह सुनकर मैं बहुत निराश हुआ। यहां तक कि एक सामान्य पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी जानता है कि 1893 में गांधी जी को डरबन से प्रिटोरिया जाते वक्त ट्रेन से निकाला गया था, इंग्लैंड में नहीं।
भाजपा सांसद ने आगे दावा किया उन्होंने वीडियो को रिकॉर्ड कर लिया है ताकि बाद में राहुल गांधी या उनकी टीम इसे एडिट कर न सके। उन्होंने यूट्यूब का ऑटो कैप्शन भी सेव किया है जिसमें राहुल के शब्द स्पष्ट सुने जा सकते हैं। सिरोया ने आगे तंज कसते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति राहुल जी से इतिहास नहीं सीखे। दुख की बात है कि नेहरू सेंटर के लोग और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने वीडियो जारी करने से पहले इस गलती को नहीं सुधारा।
राहुल गांधी ने वीडियो में यह भी कहा कि उनके परदादा (नेहरू) और उनके चचेरे भाई गांधी जी के साथ हुए अपमान का बदला लेने के लिए इलाहाबाद रेलवे स्टेशन गए थे और अंग्रेजों को ट्रेन से निकाला। इस पर सिरोया ने व्यंग्य करते हुए कहा कि 1893 में नेहरू जी केवल 4 साल के थे। क्या 4 साल का बच्चा वाकई जाकर विरोध करेगा?
गौरतलब है कि इस वीडियो में राहुल गांधी के साथ दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित बातचीत कर रहे थे। यह बातचीत नेहरू सेंटर के लिए रिकॉर्ड की गई थी, जिसमें राहुल गांधी ने पंडित नेहरू को केवल नेता नहीं बल्कि एक साधक और विचारक बताया। उन्होंने कहा कि उनके परदादा की “सत्य की खोज” ने उनके जीवन को गहराई से प्रभावित किया।