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अदानी पर कांग्रेस के हमले का BJP ने तोड़ा, राहुल गांधी को गद्दार बताया

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नई दिल्ली। अदानी समूह से जुड़े विवाद पर कांग्रेस के लगातार विरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जवाबी हमला करते हुए ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) की रिपोर्ट्स को कांग्रेस के खिलाफ हथियार बना लिया है। बीजेपी ने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए उन्हें गद्दार और राष्ट्र-विरोधी करार दिया है। यह हमला विपक्ष के नए नेता पर अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।

बीजेपी का दावा है कि ओसीसीआरपी जैसे गुप्त अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क भारत को निशाना बना रहे हैं और उनकी रिपोर्ट्स कांग्रेस के एजेंडे को बल देती हैं। बीजेपी ने संसद में ओसीसीआरपी रिपोर्ट का मुद्दा उठाते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन इन रिपोर्ट्स का इस्तेमाल कर भारत की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

बीजेपी का कहना है कि ओसीसीआरपी की रिपोर्ट्स बेबुनियाद और सनसनीखेज हैं, जिन्हें कांग्रेस और उसके सहयोगी राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया है कि ओसीसीआरपी को अमेरिकी सरकार और जॉर्ज सोरोस से जुड़े संगठनों से वित्तीय सहायता मिलती है।

अदानी विवाद पर कांग्रेस का विरोध
राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस इस सप्ताह संसद के बाहर प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस अदानी समूह पर लगे आरोपों को लेकर सरकार से जवाबदेही की मांग कर रही है। हालांकि, बीजेपी का कहना है कि ये मुद्दे संसद में संविधान पर होने वाली बहस का हिस्सा नहीं हो सकते। बीजेपी के सूत्रों के अनुसार, यदि कांग्रेस अदानी मुद्दे को उठाती है तो पार्टी ओसीसीआरपी रिपोर्ट्स के जरिए जवाब देगी।

ओसीसीआरपी ने भारत के खिलाफ कई आलोचनात्मक रिपोर्ट्स प्रकाशित की हैं, जिनमें पेगासस जासूसी मामले का आरोप भी शामिल है। हालांकि, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस और उसका गठबंधन इन रिपोर्ट्स को भारत की प्रगति को बाधित करने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ओसीसीआरपी को अमेरिकी सरकारी एजेंसियों और जॉर्ज सोरोस से जुड़े संगठनों से फंडिंग मिलती है। बीजेपी ने इस आधार पर ओसीसीआरपी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।

बीजेपी की तीखी बयानबाजी यह दर्शाती है कि पार्टी संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह इस मुद्दे पर हावी रहना चाहती है। जहां कांग्रेस अदानी विवाद की जांच की अपनी मांग पर अड़ी हुई है, वहीं बीजेपी ओसीसीआरपी रिपोर्ट्स को हथियार बनाकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करने की तैयारी कर रही है। आने वाले दिनों में यह राजनीतिक टकराव और तेज होने की संभावना है।

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चंचल गोयल, अभिभावक, ग्वालियर, एमपी

मैंने अपने 15 साल के शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव के आधार पर देखा है कि प्राइमरी टीचर्स की बॉन्डिंग बच्चों के साथ बहुत अच्छी होती है।  यह उम्र के बच्चे अपने टीचर्स को फॉलो करते हैं और पेरेंट्स से भी लड़ जाते हैं। इसलिए, स्कूल और टीचर्स पर बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को खुश रखें।

अगर बच्चा अच्छा परफॉर्म करने लगे, तो पेरेंट्स उसे अपना हक मान लेते हैं। पेरेंट्स को विश्वास करना चाहिए कि जिस स्कूल में उन्होंने दाखिला कराया है, वह बच्चों के लिए सही है। लेकिन अपने बच्चों का रिजल्ट किसी और के बच्चे से कंपेयर नहीं करना चाहिए। आजकल के पेरेंट्स समझदार हैं और जानते हैं कि बच्चों को कैसी शिक्षा देनी है। किसी भी समस्या के लिए वे सीधे टीचर से बात कर सकते हैं, जिससे समस्या का समाधान जल्दी हो सके।

प्रियंका जैसवानी चौहान, हेड मिस्ट्रेस, बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल, ग्वालियर, एमपी

जुलाई का सत्र बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह सबसे बड़ा वेकेशन होता है।  पेरेंट्स को बच्चों की लास्ट सेशन की पढ़ाई का रिवीजन कराना चाहिए ताकि वे आउट ऑफ रेंज न हो जाएं। शुरुआती अध्याय बच्चों की रुचि को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होते हैं।

आगे वे कहते हैं कि प्रेशर का नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों प्रभाव होते हैं। आज की युवा पीढ़ी में 99% लोग बिजनेस और स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं। पढ़ाई को लेकर बच्चों पर दबाव डालना गलत है, लेकिन भविष्य के लिए यह लाभदायक हो सकता है। बच्चों को गैजेट्स का सही उपयोग आना चाहिए, लेकिन उन पर पूर्णतः निर्भर होना गलत है।

तुषार गोयल, एचओडी इंग्लिश, बोस्टन पब्लिक स्कूल, आगरा, यूपी

वेकेशंस के दौरान बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह नहीं हटानी चाहिए। स्कूल द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट्स को धीरे-धीरे  करने से पढ़ाई का दबाव नहीं बनता। जब पढ़ाई फिर से शुरू होती है, तो बच्चों को अधिक दबाव महसूस नहीं होता। आजकल स्कूल बहुत मॉडर्नाइज हो गए हैं जिससे बच्चों को हेल्दी एटमॉस्फियर और खेल-खेल में सीखने को मिलता है।

एडमिनिस्ट्रेशन को बुक्स का टाइम टेबल सही तरीके से बनाना चाहिए ताकि बच्चों पर वजन कम पड़े। स्कूल में योग और एक्सरसाइज जैसी गतिविधियाँ भी शुरू होनी चाहिए ताकि बच्चे फिट रहें और उन्हें बैक प्रेशर न हो। टीचर और पेरेंट्स के बीच का कम्यूनिटेशन गैप काम होना चाहिए। बच्चों का एडमिशन ऐसे स्कूल में करें जिसका रिजल्ट अच्छा हो, भले ही उसका नाम बड़ा न हो।

डॉ. नेहा घोडके, अभिभावक, ग्वालियर, एम

बच्चों को पढ़ाई की शुरुआत खेलते-कूदते करनी चाहिए ताकि उन्हें बोझ महसूस न हो। पेरेंट्स की अपेक्षाएं आजकल बहुत बढ़ गई हैं,  लेकिन हर बच्चा समान नहीं होता। बच्चों को अत्यधिक दबाव में न डालें, ताकि वे कोई गलत कदम न उठाएं। वे आगे कहती हैं कि आजकल बच्चे दिनभर फोन का उपयोग करते रहते हैं, और पेरेंट्स उन्हें फोन देकर उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं। पेरेंट्स को बच्चों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें कम से कम समय के लिए फोन देना चाहिए।

दीपा रामकर, टीचर, माउंट वर्ड स्कूल, ग्वालियर, एमपी

हमारे स्कूल में पारदर्शिता पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल के समय में पेरेंट्स अपने काम में व्यस्त रहते हैं और बच्चों की पढ़ाई पर समय कम दे पाते हैं। स्कूल द्वारा टेक्नोलॉजी की मदद से बच्चों का होमवर्क पेरेंट्स तक पहुँचाया जाता है ताकि वे बच्चों पर ध्यान दे सकें।

पेरेंट्स को बच्चों को गैजेट्स देते वक्त ध्यान रखना चाहिए की वह उसका कितना इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें मोबाइल का कम से कम उपयोग करने देना चाहिए। अगर आप अपने बच्चों के सामने बुक रीड करेंगे तो बच्चा भी बुक रीड करने के लिए प्रेरित होगा।

दीक्षा अग्रवाल, टीचर, श्री राम सेंटेनियल स्कूल, आगरा, यूपी

वर्तमान समय में बच्चों को पढ़ाने की तकनीक में बदलाव आया है, आजकल थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल बेस्ड लर्निंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल पेरेंट्स भी पहले से बेहद अवेयर हैं, क्योंकि अब बच्चों के करियर पॉइंट ऑफ व्यू से कई विकल्प हमारे सामने होते हैं जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों के साथ प्रॉपर कम्युनिकेट करें।

अंकिता राणा, टीजीटी कोऑर्डिनेटर, बलूनी पब्लिक स्कूल, दयालबाग, आगरा, यूपी

वर्तमान समय में बच्चों को पढ़ाने की तकनीक में बदलाव आया है, आजकल थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल बेस्ड लर्निंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल पेरेंट्स भी पहले से बेहद अवेयर हैं, क्योंकि अब बच्चों के करियर पॉइंट ऑफ व्यू से कई विकल्प हमारे सामने होते हैं जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों के साथ प्रॉपर कम्युनिकेट करें।

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