मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल में पढ़ रही हाड़ कंपकपाने वाली सर्दी ने लोगों की सेहत पर भी असर डालना शुरू कर दिया है सर्दी इतनी जालिम हो गई है कि दिल की धड़कन पर भी इसका असर पड़ने लगा है. यही वजह है कि हार्ट अटैक के 40% केस बढ़ गए हैं जिसके चलते बीते एक माह में जयरोग्य हॉस्पिटल में लगभग 500 से ज्यादा मरीज भर्ती हुए हैं जबकि तीन दर्जन से अधिक हार्ट के मरीजों की मौत भी हो चुकी है।
बीते एक सप्ताह से ग्वालियर अंचल शीत लहर की चपेट में है।सर्दी ने शहरवासियों को सीवियर कोल्ड डे का एहसास कर दिया है। तो वहीं सर्दी की तेज दस्तक से हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है,बीते एक महीने का जयरोग्य हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी और न्यूरो सर्जरी विभाग के आंकडे बताते हैं कि हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या 35 से 40% तक बढ़ गई है।लगभग 500 से ज्यादा मरीज दिल (हार्ट )की परेशानी लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे हैं,जिसमें से अभी तक तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए गजरा राजा मेडिकल कॉलेज (GRMC) ने अस्पताल में विशेष बंदोबस्त किए हैं। प्रबंधन का कहना है कि कार्डियोलॉजी विभाग में पहले से ही 100 बेड हार्ट के मरीजों के लिए हैं ।लेकिन जरूरत को देखते हुए 30 बेड ICU यूनिट के भी इसी विभाग में मर्ज कर दिए गए हैं, ताकि किसी भी तरह की जनहानि को रोका जा सके ।
वहीं हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक्सपर्ट का कहना है कि सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक के मामले युवाओं में भी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं और उसका कारण है लाइफ स्टाइल का चेंज होना मोबाइल ज्यादा यूज करने के कारण नींद पर्याप्त नहीं लेना ज्यादा तनाव में रहना स्मोकिंग, अल्कोहल और जंक फूड को अपनी दिनचर्या में शामिल करना एक बड़ा कारण है हार्ट अटैक का क्योंकि युवा फिजिकल एक्टिविटी से अब दूर होता जा रहा है।
गौरतलब है कि 1 नवंबर से 25 नवंबर तक संभाग के सरकारी हॉस्पिटल JAH और शहर के दो प्राइवेट हॉस्पिटलों में हार्ट अटैक के 149 मरीज पहुंचे थे जिसमें से एक की मौत हुई थी, वहीं 25 नंवबर से लेकर अब तक हॉस्पिटलों में हार्ट के मरीजों की संख्या लगभग 500 से ज्यादा हो गई है। दअरसल सर्दी में फिब्रिनोजन नामक पदार्थ शरीर में बनने लगता है, जिससे खून का धक्का जमाने वाले प्लेटलेट एक्टिवेट हो जाते हैं..और खून गाढ़ा होने लगता है। इसीलिए शरीर का तापमान मेंटेन रखने की जरूरत है।