db News Network

Home » कांग्रेस ने ‘पोहा जलेबी’ पर सवाल उठाए, पटवारी ने डाइट पर सरकार को घेरा

कांग्रेस ने ‘पोहा जलेबी’ पर सवाल उठाए, पटवारी ने डाइट पर सरकार को घेरा

0 comment 15 views 2 minutes read

उज्जैन। उज्जैन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के सहयोग से आयोजित 68वीं राष्ट्रीय शालेय मलखंभ प्रतियोगिता इन दिनों लोकमान्य तिलक विद्यालय परिसर में चल रही है। 9 से 13 दिसंबर तक चलने वाली इस पांच दिवसीय प्रतियोगिता में देशभर के 18 राज्यों से लगभग 500 खिलाड़ी और अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस आयोजन में पहले ही नियमों को लेकर विवाद की स्थिति बन चुकी है, और अब कांग्रेस ने यहां खिलाड़ियों को दी जा रही डाइट पर सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि अन्य प्रदेशों से आए प्रतिभागियों को नाश्ते में पोहा और जलेबी दी जा रही है, जबकि मलखंभ के खिलाड़ियों को दूध, फल और परांठे जैसी पौष्टिक डाइट की आवश्यकता होती है। उन्होंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को संबोधित करते हुए कहा, “उज्जैन के साथ-साथ मध्य प्रदेश की इज्जत बचाएं और मेहमान खिलाड़ियों की भूख को शांत करें।”

उज्जैन में जुटे देशभर के मलखंभ खिलाड़ी
राष्ट्रीय शालेय मलखंभ प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक समेत विभिन्न राज्यों की टीमें शामिल हैं। मलखंभ एक पारंपरिक भारतीय खेल है, जिसमें जिमनास्टिक, योग और हवाई कलाबाज़ी का अनोखा मिश्रण होता है। इसमें खिलाड़ी लकड़ी के खंभे, बेंत या रस्सी पर तरह-तरह के करतब दिखाते हैं। मलखंभ शब्द “मल्ल” (पहलवान) और “खंब” (खंभा) से मिलकर बना है। इस खेल में उच्च ऊर्जा और पोषणयुक्त आहार की आवश्यकता होती है, ताकि खिलाड़ी अपनी ताकत, सहनशक्ति और लचीलापन बनाए रख सकें।

जीतू पटवारी ने डाइट को लेकर उठाए सवाल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर खिलाड़ियों को दी जा रही डाइट पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि स्कूल गेम्स फेडरेशन के मानकों के अनुसार खिलाड़ियों को उचित आहार नहीं मिल रहा है। पटवारी ने लिखा कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को पोषणयुक्त भोजन मिलना चाहिए, लेकिन यहां उन्हें सिर्फ पोहा और जलेबी दी जा रही है। मलखंभ जैसे शारीरिक खेल के लिए दूध, ब्रेड, फल और दही-पराठे जैसे पोषक पदार्थों की जरूरत होती है। व्यंग्य करते हुए उन्होंने लिखा, “कहा जाता है कि मुख्यमंत्री जी ने पहलवानी की है, लेकिन खिलाड़ियों के डाइट प्लान को देखकर ऐसा नहीं लगता।” पटवारी ने मुख्यमंत्री से यह मांग की कि उज्जैन और मध्य प्रदेश की प्रतिष्ठा बचाने के लिए मेहमान खिलाड़ियों को उचित आहार उपलब्ध कराया जाए।

Leave a Comment

चंचल गोयल, अभिभावक, ग्वालियर, एमपी

मैंने अपने 15 साल के शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव के आधार पर देखा है कि प्राइमरी टीचर्स की बॉन्डिंग बच्चों के साथ बहुत अच्छी होती है।  यह उम्र के बच्चे अपने टीचर्स को फॉलो करते हैं और पेरेंट्स से भी लड़ जाते हैं। इसलिए, स्कूल और टीचर्स पर बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को खुश रखें।

अगर बच्चा अच्छा परफॉर्म करने लगे, तो पेरेंट्स उसे अपना हक मान लेते हैं। पेरेंट्स को विश्वास करना चाहिए कि जिस स्कूल में उन्होंने दाखिला कराया है, वह बच्चों के लिए सही है। लेकिन अपने बच्चों का रिजल्ट किसी और के बच्चे से कंपेयर नहीं करना चाहिए। आजकल के पेरेंट्स समझदार हैं और जानते हैं कि बच्चों को कैसी शिक्षा देनी है। किसी भी समस्या के लिए वे सीधे टीचर से बात कर सकते हैं, जिससे समस्या का समाधान जल्दी हो सके।

प्रियंका जैसवानी चौहान, हेड मिस्ट्रेस, बिलाबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल, ग्वालियर, एमपी

जुलाई का सत्र बच्चों के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह सबसे बड़ा वेकेशन होता है।  पेरेंट्स को बच्चों की लास्ट सेशन की पढ़ाई का रिवीजन कराना चाहिए ताकि वे आउट ऑफ रेंज न हो जाएं। शुरुआती अध्याय बच्चों की रुचि को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होते हैं।

आगे वे कहते हैं कि प्रेशर का नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों प्रभाव होते हैं। आज की युवा पीढ़ी में 99% लोग बिजनेस और स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं। पढ़ाई को लेकर बच्चों पर दबाव डालना गलत है, लेकिन भविष्य के लिए यह लाभदायक हो सकता है। बच्चों को गैजेट्स का सही उपयोग आना चाहिए, लेकिन उन पर पूर्णतः निर्भर होना गलत है।

तुषार गोयल, एचओडी इंग्लिश, बोस्टन पब्लिक स्कूल, आगरा, यूपी

वेकेशंस के दौरान बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह नहीं हटानी चाहिए। स्कूल द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट्स को धीरे-धीरे  करने से पढ़ाई का दबाव नहीं बनता। जब पढ़ाई फिर से शुरू होती है, तो बच्चों को अधिक दबाव महसूस नहीं होता। आजकल स्कूल बहुत मॉडर्नाइज हो गए हैं जिससे बच्चों को हेल्दी एटमॉस्फियर और खेल-खेल में सीखने को मिलता है।

एडमिनिस्ट्रेशन को बुक्स का टाइम टेबल सही तरीके से बनाना चाहिए ताकि बच्चों पर वजन कम पड़े। स्कूल में योग और एक्सरसाइज जैसी गतिविधियाँ भी शुरू होनी चाहिए ताकि बच्चे फिट रहें और उन्हें बैक प्रेशर न हो। टीचर और पेरेंट्स के बीच का कम्यूनिटेशन गैप काम होना चाहिए। बच्चों का एडमिशन ऐसे स्कूल में करें जिसका रिजल्ट अच्छा हो, भले ही उसका नाम बड़ा न हो।

डॉ. नेहा घोडके, अभिभावक, ग्वालियर, एम

बच्चों को पढ़ाई की शुरुआत खेलते-कूदते करनी चाहिए ताकि उन्हें बोझ महसूस न हो। पेरेंट्स की अपेक्षाएं आजकल बहुत बढ़ गई हैं,  लेकिन हर बच्चा समान नहीं होता। बच्चों को अत्यधिक दबाव में न डालें, ताकि वे कोई गलत कदम न उठाएं। वे आगे कहती हैं कि आजकल बच्चे दिनभर फोन का उपयोग करते रहते हैं, और पेरेंट्स उन्हें फोन देकर उनसे छुटकारा पाना चाहते हैं। पेरेंट्स को बच्चों पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें कम से कम समय के लिए फोन देना चाहिए।

दीपा रामकर, टीचर, माउंट वर्ड स्कूल, ग्वालियर, एमपी

हमारे स्कूल में पारदर्शिता पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल के समय में पेरेंट्स अपने काम में व्यस्त रहते हैं और बच्चों की पढ़ाई पर समय कम दे पाते हैं। स्कूल द्वारा टेक्नोलॉजी की मदद से बच्चों का होमवर्क पेरेंट्स तक पहुँचाया जाता है ताकि वे बच्चों पर ध्यान दे सकें।

पेरेंट्स को बच्चों को गैजेट्स देते वक्त ध्यान रखना चाहिए की वह उसका कितना इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्हें मोबाइल का कम से कम उपयोग करने देना चाहिए। अगर आप अपने बच्चों के सामने बुक रीड करेंगे तो बच्चा भी बुक रीड करने के लिए प्रेरित होगा।

दीक्षा अग्रवाल, टीचर, श्री राम सेंटेनियल स्कूल, आगरा, यूपी

वर्तमान समय में बच्चों को पढ़ाने की तकनीक में बदलाव आया है, आजकल थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल बेस्ड लर्निंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल पेरेंट्स भी पहले से बेहद अवेयर हैं, क्योंकि अब बच्चों के करियर पॉइंट ऑफ व्यू से कई विकल्प हमारे सामने होते हैं जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों के साथ प्रॉपर कम्युनिकेट करें।

अंकिता राणा, टीजीटी कोऑर्डिनेटर, बलूनी पब्लिक स्कूल, दयालबाग, आगरा, यूपी

वर्तमान समय में बच्चों को पढ़ाने की तकनीक में बदलाव आया है, आजकल थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल बेस्ड लर्निंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है। आजकल पेरेंट्स भी पहले से बेहद अवेयर हैं, क्योंकि अब बच्चों के करियर पॉइंट ऑफ व्यू से कई विकल्प हमारे सामने होते हैं जरूरी है कि पेरेंट्स बच्चों के साथ प्रॉपर कम्युनिकेट करें।

हमारी वेबसाइट एक सार्वजनिक प्रकार की जानकारी प्रदान करने का प्रयास करती है और हम आपको विभिन्न विषयों पर लेख और समाचार प्रस्तुत करते हैं। मेरा उद्देश्य आपको विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में घटित घटनाओं से अवगत करना है और आपको सबसे नवाचारी और महत्वपूर्ण खबरों के साथ जोड़ने का मौका प्रदान करना है।

 

मैं अपने लेखों को विभिन्न श्रेणियों में प्रकाशित करता हूं, जैसे कि राजनीति, व्यापार, विज्ञान, खेल, मनोरंजन, लाइफस्टाइल, एजुकेशन, धर्म और विदेश। हमारा उद्देश्य यह है कि हम हमेशा आपको ताजा और महत्वपूर्ण समाचार प्रदान करें, ताकि आप सबसे अद्वितीय और महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी प्राप्त कर सकें।

 

हमें गर्व है कि हम एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में जाने जाते हैं और हम आपके साथ हमेशा रहेंगे, आपको समाचार और जानकारी के साथ। हमारे साथ जुड़कर आप दुनियाभर की घटनाओं के साथ रहेंगे और जानकारी

©2023 DB News Networks – All Right Reserved. Designed and Developed by Web Mytech