महाराष्ट्र। शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे गुरुवार शाम उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि, वह कैबिनेट में कौनसा पद लेंगे, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है। तीसरी बार राज्य का सीएम बनने जा रहे भारतीय जनता पार्टी नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी मुलाकातों का दौर जारी है। सवाल है कि आखिर लंबे समय से बड़े पद की मांग करते नजर आ रहे शिंदे डिप्टी सीएम के लिए राजी कैसे हुए।
शिवसेना ने कर दिया था इनकार
नवंबर में शिवसेना नेता संजय शिरसात ने साफ कर दिया था कि पार्टी प्रमुख डिप्टी सीएम नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा था, ‘एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करेंगे।’ उन्होंने कहा था, ‘विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नाम पर लड़े गए। मुख्यमंत्री के तौर पर वापसी उनका हक है। वह डिप्टी चीफ मिनिस्टर का पद स्वीकार नहीं करेंगे।
फिर कैसे माने शिंदे
बुधवार को संकेत मिलने लगे थे कि शिंदे डिप्टी सीएम पद स्वीकार कर सकते हैं। जब यह स्पष्ट हो गया कि देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, तो हर किसी के मन में यह सवाल था कि क्या एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री बनेंगे, क्योंकि शिवसेना प्रमुख ने कई संकेत दिए हैं कि वह भाजपा को मुख्यमंत्री पद सौंपने से खुश नहीं हैं।
फडणवीस ने कहा कि उन्होंने पिछले ढाई साल से मुख्यमंत्री रहे शिंदे से कल शाम मुलाकात की और उन्हें नई सरकार में शामिल होने का निमंत्रण दिया। जब संवाददाता सम्मेलन में फडणवीस और पवार के बीच बैठे शिंदे से पूछा गया कि क्या वह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, तो उन्होंने सवाल टालते हुए कहा, ‘शाम तक इंतजार करें।’
क्या फडणवीस ने किया राजी
सीएम पद पर चर्चाओं और अटकलों के बीच शिंदे और फडणवीस की मुलाकात हुई। मंगलवार शाम को वह शिंदे के आवास वर्षा पहुंचे थे। खास बात है कि इससे 6 दिन पहले ही शिवसेना प्रमुख ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री के साथ मुलाकात की थी। उस समय फडणवीस भी साथ थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि फडणवीस सरकार में शामिल होने के लिए शिंदे को मनाने पहुंचे थे।
साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि भाजपा की तरफ से केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाए गए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी भाजपा के विधायक दल के नेता के चुनाव के बाद शिंदे से मिलेंगे। खबरें थीं कि उनकी मौजूदगी में ही पावर शेयरिंग का फॉर्मूला तय होगा।
शिवसेना विधायकों का भी था दबाव
पीटीआई भाषा के अनुसार, शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को पार्टी अध्यक्ष शिंदे से मुलाकात की और फडणवीस के नेतृत्व में बनने वाली महाराष्ट्र की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने का आग्रह किया। पार्टी विधायकों ने कहा कि वे पिछले दो दिन से कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे से मुलाकात कर रहे हैं ताकि उन्हें नयी सरकार का हिस्सा बनने के लिए मना सकें। दिन भर विधायक निवर्तमान मुख्यमंत्री से मिलने के लिए उनके आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ पहुंचते रहे।
पार्टी के विधायक भरत गोगावले ने कहा, ‘हमने उनसे नई सरकार का हिस्सा बनने का आग्रह किया है क्योंकि इससे पार्टी और सरकार दोनों को फायदा होगा। हमें उम्मीद है कि वह हमारे अनुरोध का सम्मान करेंगे।’ पार्टी के एक और नेता ने कहा कि सभी विधायक और सांसद चाहते हैं कि शिंदे नई सरकार में शामिल हों।
चाहते हैं गृहमंत्रालय
खबरें ये भी थी कि शिंदे राज्य के गृहमंत्री पद के लिए अड़े हुए हैं। एबीपी माझा की रिपोर्ट के अनुसार,ताजा बैठक में फडणवीस और शिंदे के बीच गृहमंत्रालय को लेकर भी बड़ी चर्चा हुई है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अगर गृहमंत्रालय को लेकर बात बनती है, तो वह डिप्टी सीएम का पद स्वीकार कर सकते हैं।