उज्जैन। ज्याेतिर्लिंग महाकाल मंदिर में रविवार व सोमवार को दो दिन में करीब 10 लाख श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने आएंगे। अधिकारियों का दावा है कि भीड़ भरे इन दो दिनों में भक्तों को 40 मिनट में भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे लेकिन जब तक गणेश व कार्तिकेय मंडपम में जनदबाव कम नहीं होगा भक्तों को शीघ्र दर्शन होने में संशय है। मंदिर प्रशासन को इन दोनों स्थानों से दर्शनार्थियों को शीघ्र बाहर निकालने की योजना बनानी चाहिए।
महाकाल मंदिर में बीते रविवार को करीब पांच लाख श्रद्धालुओं ने भगवान महाकाल के दर्शन किए थे। अधिकारियों का अनुमान है कि 31 दिसंबर व 1 जनवरी को 10 लाख से अधिक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने आएंगे। भक्तों की भीड़ को देखते हुए दर्शनार्थियों को चारधाम मंदिर के सामने से प्रवेश दिया जाएगा। यहां से दर्शनार्थी त्रिवेणी संग्रहालय के समीप शक्ति पथ से होते हुए महाकाल महालोक, टनल 1 व 2 से होते हुए गणेश व कार्तिकेय मंडपम से भगवान के दर्शन करते हुए आपातकालीन द्वार से बाहर निकलेंगे।
मंदिर समिति द्वारा जो मार्ग तय किया गया है, वह काफी चौड़ा है, इससे होते हुए श्रद्धालु तेजी से मंदिर के भीतर पहुंच जाएंगे लेकिन गणेश व कार्तिकेय मंडप में अलग-अलग कतार में दर्शन करते हुए आपातकालीन द्वार से बाहर निकलने में सर्वाधिक समय लगता है। यहां दर्शनार्थी काफी देर तक रुकते हैं। इससे भीड़ का फ्लो रुकता है और लाइन धीरे चलने लगती है। इससे दर्शन में समय लगता है। अधिकारी जितनी योजना मंदिर के बाहर से भीड़ को भीतर लाने की कर रहे हैं। उससे कहीं अधिक जरूरत अंदर की भीड़ को तेजी से बाहर निकालने की है।