नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। मानसून के सक्रिय हो जाने से मैदानी क्षेत्रों और पहाड़ों पर जमकर बरसात हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बने अवदाब के बाद 11-14 सितंबर के दौरान पूर्वी मध्यप्रदेश के अलग-अलग इलाकों में भारी से बहुत भारी बरसात होने की संभावना है।
पश्चिम मध्यप्रदेश में 11 सितंबर को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तो कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है। विदर्भ में भी बुधवार को बारिश की भविष्यवाणी की गई है। दक्षिण उत्तर प्रदेश में अगले 3 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
बीजापुर को तेलंगाना से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-163 में रामपुरम और महाराष्ट्र के निजामाबाद को जोड़ने वाले NH-63 में सोमनपल्ली में पुल से ऊपर बानी बहने के कारण दोनों प्रदेशों से रोड़ संपर्क दो दिनों से बंद है।
वहीं, सबरी नदी की पानी सुकमा जिले के NH-30 पर भर गया है। इस कारण आंध्रप्रदेश का छत्तीसगढ़ से संपर्क प्रभावित हो गया है। भद्राचलम में गोदावरी नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।
कोंटा में सबरी नदी का जलस्तर मंगलवार शाम को 16 मीटर के पार चला गया था। प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाते हुए राहत शिविर खोल दिए हैं। इधर, जगलदपुर में इंद्रवती नदी खतरे के निशान 8.30 मीटर के पार बह रही है।
मौसम विभाग ने राजस्थान के दस जिलों में बुधवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। राज्य में अब तक सामान्य से 58% अधिक बरसात हो चुकी है। वहीं, अधिकांश शहरों में मंगलवार को तेज बारिश हुई।
अजमेर जिले में बरसात के कारण जीवन अस्त-व्यस्त है। यहां बाढ़ के हालात पैदा होने के बाद सेना ने मोर्चा संभाला। निचले इलाकों में रह रह लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। माही सागर बांध के 10 गेट खोले गए।