भोपाल। दक्षिण पश्चिम मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। अगले दो-तीन दिन में मानसून के महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के अलावा ओडिशा में भी आगे बढ़ने के आसार हैं। हालांकि मध्य प्रदेश में 18 जून के आसपास मानसून के आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर बनी चार मौसम प्रणालियों के असर से हवाओं के साथ नमी आने का सिलसिला बना हुआ है। इस वजह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में वर्षा हो रही है।
इसी क्रम में गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक गुना में तीन मिलीमीटर वर्षा हुई। भोपाल में भी कहीं-कहीं बौछारें पड़ीं। प्रदेश में सबसे अधिक 44.8 डिग्री सेल्सियस तापमान सिंगरौली में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, शहडोल, इंदौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होने की संभावना है।
ग्वालियर, चंबल, रीवा संभाग के जिलों में अभी भी तपिश बरकरार रह सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में एक नया पश्चिमी विक्षोभ पाकिस्तान के आसपास द्रोणिका के रूप में बना हुआ है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। बिहार पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर नगालैंड तक एक द्रोणिका बनी हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में हवाओं का रुख दक्षिणी एवं दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है। हवा की रफ्तार भी 30 से 35 किलोमीटर प्रति घंटा बनी हुई है। वातावरण में नमी रहने के कारण आंशिक बादल बने हुए हैं। इस वजह से तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना कम है, लेकिन उमस बढ़ी हुई है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, सागर, शहडोल, इंदौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा होने की संभावना है। ग्वालियर, चंबल, रीवा संभाग के जिलों में अभी तापमान बढ़ा ही रहेगा।