नई दिल्ली। महिला उद्यमिता और सशक्तिकरण की प्रेरणास्त्रोत व्यक्तित्वों की यह यात्रा विभिन्न क्षेत्रों में सफलता की मिसाल प्रस्तुत करती है। इंटीरियर डिज़ाइन में रविशा मर्चेंट ने अपनी कला और व्यवसायिक दृष्टिकोण से नए आयाम स्थापित किए, वहीं मुहीब उन्नीस शिक्षा और काउंसलिंग के क्षेत्र में महिलाओं के लिए प्रेरणा बनकर उभरीं। सान्या आचार्य ने रेडियो, एंकरिंग और डिजिटल क्रिएशन के माध्यम से एक सशक्त यात्रा तय की, जबकि सिमी राय ने एंकरिंग में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। तमन्ना कुरैशी, जो महिला सशक्तिकरण की प्रतीक हैं, पर्सनालिटी डेवलपमेंट में एक विशेषज्ञ के रूप में उभरीं, और इन सभी ने समाज में महिलाओं के लिए नए रास्ते खोले।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से इंटीरियर डिज़ाइन कंसल्टेंट रविशा मर्चेंट ने डीबी न्यूज नेटवर्क के साथ एक साक्षात्कार में अपने करियर की शुरुआत और महिला उद्यमिता के सफर के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि उनका परिवार कई पीढ़ियों से आर्किटेक्चर और डिज़ाइन के क्षेत्र में काम कर रहा था, जिससे उन्हें इस क्षेत्र में कदम रखने की प्रेरणा मिली। उन्होंने मुंबई में बड़े आर्किटेक्ट्स के साथ काम किया और फिर भोपाल में अपनी खुद की प्रैक्टिस शुरू की, जहां उन्हें पेशेवर माहौल में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
रविशा मर्चेंट ने बताया कि भोपाल में कार्यशैली में अंतर था और यहाँ के श्रमिकों के दृष्टिकोण में भी बदलाव लाना चुनौतीपूर्ण था। बॉम्बे के पेशेवर माहौल से भोपाल के कामकाजी माहौल में अंतर था, जिससे शुरुआत में उन्हें संदेह का सामना करना पड़ा। लेकिन, धीरे-धीरे तकनीकी दक्षता और उनके काम के प्रति विश्वास ने उन्हें सफलता की ओर अग्रसर किया। उन्होंने यह भी कहा कि यहां की सीमित सामग्री और संसाधनों के बावजूद, उन्होंने स्थानीय कला और संस्कृति को अपने डिज़ाइनों में शामिल किया और यह चुनौती उनके लिए एक नई प्रेरणा बनी।
रविशा ने अपने स्टूडियो त्रिवेरा डिज़ाइन्स के बारे में बताया, जो लक्ज़री इंटीरियर्स, कमर्शियल प्रोजेक्ट्स और हेरिटेज कंजरवेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काम करता है। उनके प्रोजेक्ट्स में मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे मिंटो हॉल, सम्राट विक्रमादित्य हेरिटेज होटल और अलीपुरा पैलेस होटल जैसी परियोजनाएं शामिल हैं। रविशा का लक्ष्य है कि वह न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में अपने डिज़ाइनों के लिए एक पहचान बनाएं और अपने काम के माध्यम से स्थानीय कलाकारों को बढ़ावा दें।

मध्य प्रदेश के भोपाल से एजुकेशनिस्ट और काउंसलर मुहीब उन्नीस ने अपने करियर के बारे में डीबी न्यूज नेटवर्क के साथ एक बातचीत में अपने सफर को साझा किया। उन्होंने बताया कि महिलाओं को पेशेवर जीवन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह केवल उनके संघर्ष का हिस्सा नहीं है। उनका मानना है कि हर व्यक्ति को संघर्ष करना पड़ता है, और यह संघर्ष मेहनत और समर्पण से जुड़ा होता है। मुहीब उन्नीस ने अपनी शिक्षा की शुरुआत 1998 में की थी और उनका सपना था कि वे एक डॉक्टर बनें, लेकिन परिवार की परिस्थितियों ने उन्हें शिक्षिका बनने का मार्ग दिखाया।
मुहीब उन्नीस ने 26 सालों तक शिक्षा के क्षेत्र में काम किया और इस दौरान कई सामाजिक और सांस्कृतिक चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने हैदराबाद से भोपाल आने के बाद स्थानीय संस्कृति में समाहित होने की कोशिश की और खुद को पूरी तरह से नए परिवेश में ढाल लिया। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई सम्मान और पुरस्कार प्राप्त किए, जैसे कि “बेस्ट इंटरैक्टिव इलूम” अवार्ड, जो उन्होंने पहली बार हासिल किया। उन्होंने बताया कि 2000 के दशक में बच्चों के व्यवहार में हुए बदलाव को ध्यान में रखते हुए उन्होंने एक काउंसलिंग सत्र की शुरुआत की, ताकि बच्चों और उनके माता-पिता के बीच बेहतर तालमेल और समझ बनाई जा सके।
इसके अलावा, मुहीब उन्नीस ने शिक्षकों के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें वे नर्सरी टीचर्स को प्रशिक्षित कर रही हैं ताकि वे बच्चों की मानसिकता और भावनाओं को समझ सकें और उनके साथ एक बेहतर रिश्ता बना सकें। उन्होंने यह भी कहा कि एक शिक्षक का कर्तव्य है कि वह बच्चों के साथ न्यायपूर्ण तरीके से पेश आए और उन्हें हर तरीके से संपूर्ण शिक्षा दें। मुहीब उन्नीस की यात्रा यह दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, अगर व्यक्ति अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित हो, तो वह किसी भी चुनौती को पार कर सकता है और समाज में बदलाव ला सकता है।

भोपाल की सिंगर, एंकर, रेडियो जॉकी, और कम्युनिकेशन इन्स्ट्रक्टर सान्या आचार्य ने डीबी न्यूज नेटवर्क के साथ अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से बातचीत की। सान्या ने बताया कि उनका सफर 2019 में कॉलेज से पास आउट होने के बाद शुरू हुआ था, जब वे अपने कॉलेज के रेडियो स्टेशन में शामिल हुईं और यहां से उनका बोलने और गाने का सफर शुरू हुआ। बचपन से ही गाना गाने की शौकीन सान्या ने कभी कोई औपचारिक वोकल ट्रेनिंग नहीं ली, लेकिन कॉलेज में रेडियो जॉकी के रूप में उनके द्वारा गाए गए गानों और बोलने की कला ने उन्हें एक नई दिशा दी।
2017 में, सान्या ने आकाशवाणी के ‘युववाणी’ शो के ऑडिशन में भाग लिया और वहां से उनका रेडियो और एंकरिंग का सफर और भी मजबूत हुआ। इसके बाद, उन्होंने विभिन्न प्राइवेट रेडियो स्टेशनों में इंटर्नशिप की और सागर में एक रेडियो स्टेशन में काम किया। आजकल वे आकाशवाणी में युववाणी शो होस्ट करती हैं और अन्य कई बड़े शोज का हिस्सा बन चुकी हैं। इसके साथ ही सान्या डिजिटल क्रिएटर के रूप में इंस्टाग्राम पर भी सक्रिय हैं और उन्होंने भारत का पहला इंस्टाग्राम लाइव रेडियो शो भी किया है।
सान्या ने कुछ अपनी यादगार शोज का जिक्र करते हुए बताया कि “खेलो इंडिया यूथ गेम्स” जैसे बड़े इवेंट्स में होस्ट करना उनके लिए बहुत खास अनुभव था। इन इवेंट्स में देशभर से आए खिलाड़ियों से मिलकर और उन्हें इंटरव्यू करके उन्हें अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए देखना बहुत गर्व की बात थी।
अपने परिवार के समर्थन के बारे में सान्या ने कहा कि शुरुआत में उनके परिवार को इस फील्ड के बारे में समझने में कठिनाई हुई, क्योंकि उनका कोई भी सदस्य इस क्षेत्र से नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे जब उन्होंने देखा कि सान्या इस क्षेत्र में सफलता हासिल कर रही हैं, तो परिवार ने उन्हें पूरी तरह से सपोर्ट किया।
आने वाले समय के बारे में सान्या ने बताया कि उनका उद्देश्य हमेशा शोज करते रहना और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी सक्रिय रहना है। उनका मानना है कि “काम करते रहो, फल की चिंता मत करो” और उन्हें उम्मीद है कि एक दिन सभी भारतवासी उनकी आवाज को पहचानेंगे।
सान्या ने एंकरिंग के बारे में कहा कि एक अच्छे एंकर के लिए सबसे जरूरी बात शब्दों का सही उच्चारण और प्रोग्राम को सही तरीके से प्रस्तुत करना है। किसी भी कार्यक्रम को होस्ट करते वक्त, यह महत्वपूर्ण है कि आप उस कार्यक्रम या संगठन को सही तरीके से रिप्रेजेंट करें और अपनी जिम्मेदारी को समझें।
सान्या आचार्य की यात्रा इस बात का उदाहरण है कि कठिनाइयों और शुरुआत में संदेह के बावजूद, अगर आप अपने कार्य के प्रति समर्पित रहते हैं और निरंतर प्रयास करते रहते हैं, तो सफलता आपके कदम चूमती है।

भोपाल की उभरती हुई एंकर और कंटेंट क्रिएटर सिमी राय ने डीबी न्यूज नेटवर्क के साथ अपने सफर और भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा की। सिमी ने बताया कि बचपन से ही उन्हें बोलने और डिबेट्स में रुचि थी, लेकिन एक छोटे शहर से होने के कारण उन्हें उस समय ज्यादा एक्सपोजर नहीं मिला। जब वे भोपाल में अपनी लॉ डिग्री के लिए आईं, तब उन्होंने एंकरिंग के बारे में सीखा और समझा कि इस क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है।
सिमी ने शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि उन्होंने पहले दो साल में कोई शोज़ नहीं किए क्योंकि उस समय उनके पास अनुभव नहीं था। लेकिन उन्होंने कुछ फ्री शोज़ किए, जैसे बर्थडे पार्टियों, वेडिंग्स और कॉर्पोरेट इवेंट्स, ताकि वे अपने पोर्टफोलियो को तैयार कर सकें। नवंबर 2024 से उन्हें अच्छे पे-इवेंट्स मिलने लगे और तब से उनकी यात्रा में एक नई गति आई। अब सिमी ने यह तय कर लिया है कि वे अपनी लॉ डिग्री को साइड में रखकर एंकरिंग में अपना करियर बनाएंगी।
सिमी के अनुसार, एंकरिंग क्षेत्र में बहुत संभावनाएँ हैं, खासकर जब हम देश के विकास और इवेंट्स की बढ़ती संख्या को देखें। भोपाल में एंकरों की कमी होने के कारण इस क्षेत्र में प्रतियोगिता कम है, लेकिन उन्हें लगता है कि अगले पांच सालों में एंकरों की संख्या बढ़ेगी।
अपने काम के अनुभव को साझा करते हुए सिमी ने बताया कि उन्होंने शुरुआत वेडिंग शोज़ से की, लेकिन उनका पहला बड़ा कॉर्पोरेट इवेंट “सन ग्रो” कंपनी का सोलर मॉडल लॉन्च था, जिसे वे कभी नहीं भूल सकतीं। इसके बाद उन्होंने सुजुकी के कॉर्पोरेट इवेंट को भी होस्ट किया और भोपाल के बड़े कार्निवल्स में भी हिस्सा लिया। इन अनुभवों ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया और उन्होंने इन शोज़ को अपने करियर का अहम हिस्सा बताया।
आने वाले दो से पांच सालों में सिमी का लक्ष्य मध्य प्रदेश के प्रमुख एंकरों में से एक बनना है। वे मानती हैं कि उनके नाम का जुड़ाव अच्छे एंकरों में होगा और वे अपनी मेहनत और समर्पण के साथ इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं।
सिमी की यात्रा इस बात का उदाहरण है कि सही दिशा और संघर्ष के साथ कोई भी क्षेत्र सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।

एमपी के भोपाल की ही तमन्ना कुरैशी, जो कि एक टीचर, पर्सनैलिटी ग्रूमर और मिसेज मध्य प्रदेश के खिताब की विजेता हैं, डीबी न्यूज नेटवर्क के साथ अपने जीवन और करियर के अनुभवों को साझा किया। तमन्ना ने अपने सफर के बारे में बताया कि कैसे उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त की और अपने परिवार के समर्थन से अपने सपनों को साकार किया।
तमन्ना ने बताया कि उनका सफर बहुत ही इंटरेस्टिंग और चैलेंजिंग रहा है। उनका मानना है कि जीवन के हर पड़ाव पर कुछ नया सीखने का अवसर मिलता है और यही उनके सफलता की कुंजी है। उन्होंने मॉडलिंग, इन्फ्लुएंसर और पर्सनालिटी डेवलपमेंट के क्षेत्र में काफी काम किया है और इस दौरान कई महत्वपूर्ण पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं, जिनमें नारी सम्मान अवार्ड, मिसेज बॉडी ब्यूटीफुल (2022), मिसेज पॉपुलर (2022) और अन्य अचीवमेंट्स शामिल हैं।
तमन्ना ने अपनी जर्नी में यह भी साझा किया कि वे एक नेशनल लेवल की स्विमर रह चुकी हैं और साथ ही मास्टर्स इंटरनेशनल बिजनेस की डिग्री में टॉपर रही हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि उनका सबसे बड़ा उद्देश्य पर्सनालिटी डेवलपमेंट है और वे इसे एक कला मानती हैं। पर्सनालिटी ग्रूमिंग के लिए सबसे जरूरी बात होती है, सामने वाले व्यक्ति की सोच को सकारात्मक दिशा में बदलना और उन्हें अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए प्रेरित करना।
जब उनसे पूछा गया कि वे किस तरह से अपनी प्रोफेशनल और पारिवारिक जिम्मेदारियों को बैलेंस करती हैं, तो तमन्ना ने इसका जवाब दिया कि महिला के रूप में उनका काम ही यही होता है कि वे परिवार और काम के बीच संतुलन बनाए रखें। उन्होंने बताया कि वे अपनी फिटनेस का भी पूरा ध्यान रखती हैं और जिम में नियमित रूप से दो घंटे समय देती हैं, जबकि परिवार और बच्चों के लिए भी पूरा ध्यान देती हैं।
तमन्ना का मानना है कि अगर महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल पा रही हैं, तो आजकल की तकनीक का उपयोग करके वे घर बैठे अपनी स्किल्स को बेहतर बना सकती हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपना ज्ञान और अनुभव साझा करने के लिए कई रास्ते खुले हुए हैं।
तमन्ना ने अपने आने वाले भविष्य के बारे में कहा कि वे पर्सनालिटी डेवलपमेंट के क्षेत्र में और अधिक नाम कमाना चाहती हैं और जल्द ही अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रही हैं, जिसमें महिलाओं के लिए विशेष रूप से ट्रेनिंग और गाइडेंस देने का लक्ष्य रखेंगी।
तमन्ना कुरैशी की यात्रा यह साबित करती है कि सही दिशा, परिवार का समर्थन, और आत्मविश्वास के साथ कोई भी महिला किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती है।
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चंचल गोयल, अभिभावक, ग्वालियर, एमपी
जब पेरेंट्स अपने बच्चों को प्राइमरी स्कूल भेजते हैं, तो उनकी प्राथमिक अपेक्षा होती है कि बच्चों को मजेदार तरीके से सीखने का अवसर मिले। छोटे बच्चों का दिमाग पहले आनंद लेना चाहता है। अगर उन्हें मजा नहीं आएगा, तो वे आगे नहीं बढ़ेंगे। हर बच्चे के अंदर प्रतिभा होती है, जरूरी है हम उसे समझें।
बच्चों के स्कूल जाने से पहले पेरेंट्स की काउंसलिंग होनी चाहिए। यह समझना ज़रूरी है कि आपके बच्चे को क्या चाहिए, और उसी के आधार पर स्कूल का चयन करें। ऐसा स्कूल चुनें जिसमें खुला क्षेत्र हो और स्टाफ बच्चों की समस्याओं को हल करने में सक्षम हो। स्कूल और उसकी फैकल्टी बच्चों को संतुष्ट करने में भी सक्षम होना चाहिए।




