नई दिल्ली। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य डॉ. सूरनाद राजशेखरन का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 76 वर्ष के थे। उन्हें कोच्चि के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनका कैंसर का इलाज चल रहा था।
उनका पार्थिव शरीर सुबह करीब 11 बजे कोल्लम के चथन्नूर स्थित उनके आवास पर लाया जाएगा। शाम 5 बजे उनके घर के प्रांगण में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। राजशेखरन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कोल्लम जिले के सस्थनकोट्टा स्थित डीबी कॉलेज में केरल स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) के कार्यकर्ता के रूप में की थी। उन्होंने केएसयू के राज्य पदाधिकारी, यूथ कांग्रेस के राज्य पदाधिकारी, कोल्लम डीसीसी अध्यक्ष, केपीसीसी महासचिव और उपाध्यक्ष जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया। वे केपीसीसी राजनीतिक मामलों की समिति के सदस्य भी रहे।
राजशेखरन ने स्पोर्ट्स काउंसिल के अध्यक्ष और स्टेट कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों को भी संभाला। सहकारी क्षेत्र में उनके योगदान को विशेष रूप से सराहा गया। उन्होंने अलग-अलग मौकों पर संसद और राज्य विधानसभा के चुनावों में भी हिस्सा लिया।
18 जनवरी 1949 को कोल्लम जिले के सूरनाद में जन्मे राजशेखरन पत्रकार भी रहे। वे कोल्लम प्रेस क्लब के अध्यक्ष और भारत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में एलआईसी की गवर्निंग बॉडी के निदेशक थे। वे ‘वीक्षणम’ दैनिक के प्रबंध संपादक भी रहे। उनके परिवार में पत्नी उदया राजशेखरन और बच्चे लक्ष्मी, निशांत मेनन, अरुण गणेश और देवी हैं।
राजशेखरन मलयालम विद्वान सूरनाड कुंजन पिल्लै के करीबी रिश्तेदार थे। उन्होंने 2016 के विधानसभा चुनावों में चथन्नूर से और एक बार राज्यसभा चुनाव में जोस के. मणि के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वे दोनों चुनाव हार गए। वे पार्टी गुटबाज़ी से ऊपर उठकर कार्य करने के लिए जाने जाते थे और कांग्रेस में एके एंटनी गुट से जुड़े हुए थे।





