नई दिल्ली। 2024 शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण का हमारें जीवन पर भी गहरा असर होता है। सूर्य एवं चंद्र ग्रहण दोनों को लेकर अलग-अलग मान्यता है। इस नए साल में भी 4 ग्रहण लगने वाले हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन में जीवाजी वेधशाला के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 2024 में चार ग्रहण होंगे, जिनमें एक पूर्ण सूर्य ग्रहण भी शामिल है, लेकिन उनमें से कोई भी भारत में दिखाई नहीं देगा।
वेधशाला के अधीक्षक और खगोलशास्त्री डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्ता ने कहा कि 2024 में ग्रहणों की शुरुआत 25 मार्च को उपछाया चंद्र ग्रहण से होगी। उपछाया चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा लगभग एक सीधी रेखा में आ जाते हैं।
खगोलशास्त्री ने कहा कि साल का यह पहला ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि इस खगोलीय घटना के समय देश में दिन का समय होगा।
8 और 9 अप्रैल की मध्यरात्रि को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा और यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा। वहीं, 18 सितंबर की सुबह होने वाला आंशिक चंद्र ग्रहण भी भारत में दिखाई नहीं देगा। देश में खगोल विज्ञान के प्रति उत्साह रखने वाले 2 और 3 अक्टूबर की मध्यरात्रि को भी सूर्य ग्रहण को देखने से वंचित रहेंगे।
ये वलयाकार सूर्य ग्रहण 7 मिनट और 21 सेकंड तक रहेगा और अपने चरम पर सूर्य का 93 प्रतिशत हिस्सा ढका रहेगा, जिसके कारण यह पृथ्वी से एक चमकदार कंगन की तरह दिखाई देगा।





