ग्वालियर, मध्यप्रदेश। नई शिक्षा नीति एवं अनुभवात्मक शिक्षा छात्रों के समग्र विकास, पाठ्यक्रम में प्रदर्शन कला और शारीरिक शिक्षा को शामिल करने पर जोर दे रही है। यह कहना है मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर के आईटीएम ग्लोबल स्कूल के प्रिंसिपल डॉ सुजश भट्टाचार्य का।
उन्होंने कहा कि स्कूल में हम जीरो पीरियड शुरू करके इस दिशा में काम कर रहे हैं। ताकि स्टूडेंट्स सप्ताह में तीन बार सांस्कृतिक गतिविधियां, खेल-कूद आदि में हिस्सा ले सकें। जिससे उन्हें समावेशी प्रदर्शन और भागीदारी मिल सकती है। वास्तव में यह सह-शैक्षणिक गतिविधियों का रूप है जो स्टूडेंट्स को सामाजिक, भावनात्मक और विकास के सभी पहलुओं में बेहतर समायोजित कर उनको विकसित करने में मदद करता हैं।
उन्होंने कहा की आईटीएम ग्लोबल स्कूल प्रमुख रूप से चार स्तंभों के आधार पर काम करता है, जिसका पहला स्तंभ जो प्राथमिक है, वह स्टूडेंट्स हैं। दूसरा स्तंभ शिक्षक, तृतीय स्तंभ माता-पिता और चौथा स्तंभ है प्रबंधन। हमारा मानना है कि इन सभी स्तंभों को एक साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। जिससे स्टूडेंट का सर्वांगीण विकास हो सके।
इन चार स्तंभों के बीच बेहतर समझ और समन्वय बनाने के लिए हम साल में लगभग 2 बार नियमित पीटीएम आयोजित करते हैं। और लगभग 1 मासिक पीटीएम भी करते हैं, हम अभिभावकों को स्कूल के बाद शाम 5 बजे तक हमारे और स्कूल प्रबंधन के साथ जुड़े रहने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम पेरेंट्स और स्टूडेंट की सुविधा के लिए व्हाट्सएप पर भी उपलब्ध रहते हैं। जिससे पेरेंट्स और टीचर्स के बीच जुड़ाव और सकारात्मकता की भावना पैदा करता है।