नई दिल्ली। आज करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। महिलाएं ये व्रत अपने पति की दीर्घायु के लिए रखती हैं। चतुर्थी तिथि 31 अक्तूबर की रात 09:29 बजे से ही शुरू हो हो गया और एक नवंबर को रात 9:19 बजे तक रहेगा। यह पर्व चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि में मनाया जाता है। ऐसे में इस दिन चंद्रमा भी रात्रि 8:06 बजे पर उदय होगा। इस बार करवा चौथ पर बेहद दुर्लभ योग बन रहे हैं। करवा चौथ मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मनाया जाता है।
करवा चौथ में होती है इन भगवान की पूजा
करवा चौथ में भगवान गणेश के साथ भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इसके अलावा करवा मां और चंद्रमा की भी आराधना की जाती है। चंद्रमा निकालने पर उनके दर्शन करके उन्हें अर्घ्य दिया जाता है और फिर अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोला जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिवत पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
चतुर्थी तिथि कब से?
31 अक्टूबर से चतुर्थी तिथि रात 09 बजकर 30 मिनट से आरंभ हो गई और 01 नवंबर को रात 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगी।
करवा चौथ 2023 पूजन मुहूर्त
01 नवंबर को करवा चौथ पूजन का शुभ मुहूर्त: सायं 05: 36 मिनट से सायं 06 : 54 मिनट तक
पूजन की कुल अवधि: 01 घंटा 18 मिनट
करवा चौथ व्रत का ये है समय 2023
पंचांग के अनुसार, करवा चौथ व्रत 01 नवंबर को प्रातः 06: 33 मिनट से आरंभ होकर चंद्रोदय तक रखा जाएगा। व्रत की कुल अवधि 13 घंटे 42 मिनट की है। ध्यान रहे कि करवा चौथ का व्रत चंद्रदर्शन के बाद उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही पारण किया जाता है।
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का ये समय
करवा चौथ के दिन चांद निकलने का समय रात 08 बजकर 15 मिनट है। अलग-अलग शहरों में चंद्रदर्शन का समय अलग हो सकता है।