नई दिल्ली। चंदन, शहद, धूप, माचिस, पुष्प (लाल और पीले), कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, शुद्ध जल, कुंकू, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी की चौकी, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा, दक्षिणा (दान) के लिए पैसे, आदि।
करवा चौथ के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। फिर सरगी ग्रहण करें। इसके बाद निर्जला व्रत का संकल्प लें। फिर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें। मंदिर में शिव परिवार की विधिवत पूजा करें।
उन्हें पुष्प, फल, मिठाई और मेवे आदि अर्पित करें। करवा चौथ की व्रत कथा का पाठ करें या सुनें। शाम के समय फिर से पूजा की तैयारी शुरू कर दें। एक पूजा थाली लें और उसमें फूल, फल, मिठाई, धूप-दीप, रोली आदि रखें।
इसके पश्चात करवा लें और उसमें चावल भरकर उसे दक्षिणा के रूप में रख दें। चांद निकलने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। फिर छन्नी में जलता हुआ दीपक रखें और चंद्र दर्शन करें। इसके बाद उसी छन्नी से अपने पति का मुख देखें। फिर पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलें।
पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमायाचना करें। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें। फिर पूजन में उपयोग की गई शृंगार की सामग्री और करवा को सास या किसी सुहागिन स्त्री को दे दें और उनका भी आशीर्वाद लें। अंत में सात्विक भोजन ग्रहण करें।
चंद्रोदय समय
करवा चौथ (Karwa Chauth 2024 Subh Muhuart) पर शाम 07 बजकर 54 मिनट पर चांद निकलेगा।
करवा चौथ 2024 पर चंद्रमा के अर्घ्य में क्या चीजें मिलाएं?
शुद्ध जल में कच्चा दूध, गंगाजल, अक्षत, फूल आदि चीजें मिलाकर चंद्र देव को भाव अनुसार अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के दौरान अर्घ्य मंत्र का उच्चारण करें।
अर्घ्य मंत्र
गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते।
गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥